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रामनवमी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन बनाया जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु ने धरती लोक पर भगवान श्री राम जी के रूप में जन्म लिया था। रामलाल के जन्म की इस पावन बेला को ही रामनवमी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं और इन्होंने अयोध्या के राजा दशरथ के घर में जन्म लिया।
रामनवमी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन बनाया जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु ने धरती लोक पर भगवान श्री राम जी के रूप में जन्म लिया था। रामलाल के जन्म की इस पावन बेला को ही रामनवमी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं और इन्होंने अयोध्या के राजा दशरथ के घर में जन्म लिया।
रामनवमी के दिन श्रद्धालु भगवान श्री राम की पूजा करते हैं, और कई भक्तगण भगवान श्री राम की रैली का आयोजन भी करते हैं। जिसमें सभी देवताओं की झांकियां देखने को मिलती हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु ने त्रेता युग में रावण के अत्याचारों को अंत करने के लिए अयोध्या के राजा दशरथ के घर भगवान श्री राम के रूप में जन्म लिया भगवान श्री राम राजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र हैं।
इस शुभ दिन पर श्री राम चंद्र ने मानव के रूप में जन्म लिया था। भगवान राम का जन्म अयोध्या के राजा दशरथ और उनकी रानी कौशल्या से हुआ था और वह राजा के सबसे बड़े पुत्र थे। भगवान श्री राम को एक आदर्श इंसान और सत्य, धार्मिकता, वीरता और साहस का प्रतीक माना जाता है। यह त्यौहार सभी श्री राम भक्तों द्वारा बड़ी भव्यता के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से अयोध्या में मनाया जाता है जहां राम लला का जन्म हुआ था। इस स्थान पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं और श्री राम की पूजा-अर्चना करते हैं।