Maa Bagalamukhi Puja

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माँ बगलामुखी माँ बगलामुखी की पूजा दस महाविद्या में आठवीं विद्या है, माँ बगलामुखी को पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। इनकी पूजा में पीले रंग का ही विशेष महत्व होता है। माँ बगलामुखी की पूजा तांत्रिक पूजा है। बिना किसी गुरु के निर्देश के इनकी पूजा नही करनी चाहिए। माँ बगलामुखी. गुप्त नवरात्री के आठवे दिन माँ बगलामुखी की पूजा करने का नियम है। माँ बगलामुखी के मन्त्र का जाप करने के लिये हमेशा हल्दी की माला का प्रयोग ही करना चाहिए।

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माँ बगलामुखी माँ बगलामुखी की पूजा दस महाविद्या में आठवीं विद्या है, माँ बगलामुखी को पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। इनकी पूजा में पीले रंग का ही विशेष महत्व होता है। माँ बगलामुखी की पूजा तांत्रिक पूजा है। बिना किसी गुरु के निर्देश के इनकी पूजा नही करनी चाहिए। माँ बगलामुखी. गुप्त नवरात्री के आठवे दिन माँ बगलामुखी की पूजा करने का नियम है। माँ बगलामुखी के मन्त्र का जाप करने के लिये हमेशा हल्दी की माला का प्रयोग ही करना चाहिए।

 

गायत्री मंत्र :- “ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा।”

 

बगलामुखी माता की पूजा का लाभ

  • मां बगलामुखी की पूजा करने से जातक के जीवन में समृद्धि आती है।
  • मां बगलामुखी की पूजा करने से घर के सभी सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर रहता है।
  • मां बगलामुखी की पूजा करने से नौकरी और जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं|
  • मां बगलामुखी की पूजा करने से कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय प्राप्त होती|
  • मां बगलामुखी की पूजा करने से शत्रु और विरोधियों से विजय प्राप्त होती|

 

मां बगलामुखी पूजा विधि

  • मां बगलामुखी की पूजा करने के लिए जातक को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए।
  • मां बगलामुखी की पूजा करते समय पीले वस्त्रों को धारण करना चाहिए।
  • पूजा चौकी पर पीले वस्त्र बिछाकर मां बगलामुखी की मूर्ति को स्थापित करना चाहिए।
  • मां बगलामुखी को अक्षत, चंदन, रोली, बेलपत्र, पान, फल, सिंदूर, पीले पुष्प, धूप, गंज, नवेद, आदि पूजा सामग्री अर्पित करनी चाहिए।
  • मां बगलामुखी की पूजा करते समय किसी से बात नहीं करनी चाहिए।
  • मां बगलामुखी को पीला रंग काफी प्रिय है इसीलिए माता को पीले रंग की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए।

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