Rudrabhishek

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रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव को समर्पित पूजा है, जो भगवान शिव को जल, दूध, दही, घी, शहद, बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, चंदन, सिंदूर, रक्त पुष्प, धतूरा, बेल पत्र, बेल फल, पंचामृत आदि से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। रुद्राभिषेक पूजा के 6 विशेष प्रकार होते हैं जैसे जलाभिषेक, दूधाभिषेक, शहदाभिषेक, पंचामृताभिषेक आदि। इनमें से प्रत्येक का अपना अपना महत्व होता है।

रुद्राभिषेक पूजा भगवान शिव को समर्पित पूजा है, जो भगवान शिव को जल, दूध, दही, घी, शहद, बिल्व पत्र, धतूरा, भांग, चंदन, सिंदूर, रक्त पुष्प, धतूरा, बेल पत्र, बेल फल, पंचामृत आदि से भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। रुद्राभिषेक पूजा के 6 विशेष प्रकार होते हैं जैसे जलाभिषेक, दूधाभिषेक, शहदाभिषेक, पंचामृताभिषेक आदि। इनमें से प्रत्येक का अपना अपना महत्व होता है।

 

रुद्राभिषेक मंत्र :- “ॐ नमो भगवते रूद्राय नम:”

 

रुद्राभिषेक के लाभ

  • रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति के अंदर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है।
  • रुद्राभिषेक द्वारा लंबे समय से चल रही परेशानी को भी दूर किया जा सकता है।
  • रुद्राभिषेक बुराइयों से बचाता है और कठिनाइयों से निपटने की शक्ति देता है।
  • परिवार में हमेशा खुशी का माहौल रहता है।
  • रुद्राभिषेक करने से मन स्वस्थ और आत्मा शुद्ध हो जाती है।
  • कुंडली के सभी ग्रह दोषों का नाश हो जाता हैं।
  • इस पूजा का मुख्य उद्देश्य किसी के पापों और कष्टों को धोना है।
  • जातक को आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
  • साथ ही कर्क राशि वाले जातकों के लिए भी यह अत्यंत लाभकारी है।

 

रुद्राभिषेक पूजा का महत्व

  • रुद्राभिषेकसे मनुष्य के जीवन में शुभता, शांति और समृद्धि आती है।
  • रुद्राभिषेक को करने से मनुष्य की अंतःकरण शुद्ध होती है।

 

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