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शनि दोष को सभी प्रकार के दोषों में सबसे ज्यादा कष्टदायक माना जाता है, यदि व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष का योग है या शनि कुंडली के गलत घर पर विराजमान हो तो जातक को शनि दोष के लक्षण स्वयं ही दिख जाते है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है इस तरह शनि दोष व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है। शनिदेव व्यक्ति के बुरे कर्मों का दंड उन्हें प्रदान करते है। व्यक्ति के जीवन में नाकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है।
शनि दोष को सभी प्रकार के दोषों में सबसे ज्यादा कष्टदायक माना जाता है, यदि व्यक्ति की कुंडली में शनि दोष का योग है या शनि कुंडली के गलत घर पर विराजमान हो तो जातक को शनि दोष के लक्षण स्वयं ही दिख जाते है। शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है इस तरह शनि दोष व्यक्ति के कर्मों पर निर्भर करता है। शनिदेव व्यक्ति के बुरे कर्मों का दंड उन्हें प्रदान करते है। व्यक्ति के जीवन में नाकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है।
शनि बीज मंत्र :- “ॐ शं शनिश्चराय नम:”
शनि मंत्र जप के लाभ
- शनिदेव की पूजा और मंत्र का जाप करने से कुंडली से शनि के हानिकारक प्रभावों को नष्ट करता है|
- शनिदेव की पूजा और मंत्र का जाप करने से दैनिक जीवन में आने वाली कठिनाइयों को कम करने में अत्यंत प्रभावी है।
- जब कोई व्यक्ति उदास या निराश हो, तो शनि मंत्र का जाप करने से उसके मन में सकारात्म्क विचार आते हैं।
- शनि मंत्र का जाप करने से जीवन के नकारात्मक कर्मों के प्रभाव को कम करने में मदद करता है।
- शनि मंत्र के जप करने से शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जाता है।
- शनि मंत्र का जप करने से चिकित्सा और धन संबंधी समस्याएं दूर होती है।
शनि दोष को दूर करने के उपाय
- शनि दोष को दूर करने के लिए शनिवार के शनिदेव के मंदिर में तेल का दीपक जलाएं |
- शनि दोष को दूर करने के लिए शनिवार के दिन शनि देव को उड़द की दाल चढ़ाएं।
- शनि दोष को दूर करने के लिए मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करें|
- शनि दोष को दूर करने के लिए रोजाना किसी बुजुर्ग की सेवा करें।